भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून और गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, पंतनगर ने सामान्य उद्देश्यों के क्षेत्रों में अंतर-संस्थागत सहयोगात्मक अनुसंधान और अकादमिक संलग्नता को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
डॉ. एम. मधु, निदेशक नै डॉ. एम.एस. चौहान, कुलपति, डॉ. लक्ष्मी कांत, निदेशक, भाकृअनुप-वीपीकेएएस, अल्मोडा, डॉ. धीर सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-एनडीआरआई, करनाल, डॉ. ए.के. रावत, पूर्व सलाहकार, डीबीटी, भारत सरकार और केपी रावेरकर, डीन, स्नातकोत्तर अध्ययन तथा विश्वविद्यालय के अन्य अधिकारियों और प्रोफेसरोंकी उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
डॉ. चौहान और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने बताया कि समझौता ज्ञापन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, अनुसंधान और गुणवत्तापूर्ण मानव संसाधन पूल के उत्पादन को मजबूत करने के लिए अनुसंधान संगठनों और शिक्षा जगत के बीच सहयोग और संबंधों में सुधार की बढ़ती आवश्यकता के अनुरूप है।
डॉ मधु ने इस बात पर जोर दिया कि समझौता ज्ञापन का उद्देश्य सहयोग को प्रोत्साहित करना और सुविधाजनक बनाना और पारस्परिक रूप से रुचि वाले सामान्य कार्यक्रमों को बढ़ावा देना है, जो वैज्ञानिक अध्ययन और सामाजिक विकास के हितों को आगे बढ़ाने में मदद करते हैं। एमओयू के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सहयोगात्मक कार्यक्रम और बेहतर आउटरीच के लिए संलग्नता, और तकनीकी परिणामों और सफलता की कहानियों पर जागरूकता का लक्ष्य रखा जाएगा।
इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में, विशेष रूप से विश्वविद्यालय और भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून के बीच सहयोग का आह्वान किया।