पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकारों की सुरक्षा पर एक दिवसीय जागरूकता शिविर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - भारतीय
मृदा और जल संरक्षण संस्थान के अनुसंधान क्षेत्र, सेलाकुई, देहरादून में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम
पी.पी.वी.एफ.आर.ए. (पौधों की किस्मों और किसानों के अधिकारों की सुरक्षा अधिनियम) पर केंद्रित था। इस कार्यक्रम में
उदपाल्टा और सहिया के कुल 66 किसानों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. जगमोहन सिंह तोमर, विभागाध्यक्ष, पौध विज्ञान विभाग द्वारा किसानों, डॉ. एम.के. नौटियाल, डॉ.
अशोक शर्मा, विशेषज्ञों और अन्य वैज्ञानिकों का स्वागत करने से हुई। डॉ. अशोक शर्मा, के.वी.के. ढकरानी इंचार्ज ने
बागवानी फसलों में किसानों द्वारा सामना की जा रही समस्याओं का समाधान प्रस्तुत किया। डॉ. एम.के. नौटियाल, ग्राफिक एरा
विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष ने पी.पी.वी.एफ.आर.ए. पर व्याख्यान दिया। डॉ. एम. शंकर, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किसानों
द्वारा बीज संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला और ड्रोन के बारे में जानकारी साझा की। डॉ. तोमर ने पी.पी.वी.एफ.आर.ए. के
तहत किसानों के अधिकारों पर चर्चा की। संस्थान के प्रतिनिधियों ने किसानों के बीज संरक्षण और मृदा एवं जल संरक्षण में
योगदान की सराहना की। उन्होंने बीज संरक्षण के माध्यम से खाद्य सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया।
भारतीय मृदा और जल संरक्षण संस्थान, देहरादून से श्री मुदित मिश्रा, श्री रवि शंकर और श्रीमती संतोषी ने कार्यक्रम में
भाग लिया।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. अनुपम बड़, वैज्ञानिक ने सभी किसानों और अतिथियों का धन्यवाद किया।