भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण अनुसंधान केंद्र, चंडीगढ़ ने पशुपालन विभाग हिमाचल प्रदेश के सहयोग से एससीएसपी कार्यक्रम के अंतर्गत 5 मार्च, 2025 को झंडुता गाँव, जिला बिलासपुर में “बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग” पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधान वैज्ञानिक डॉ ओ पी प्रेमी ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया और प्रतिभागियों को संस्थान की गतिविधियों, एससीएसपी कार्यक्रम के लक्ष्यों और उद्देश्यों और झंडुता गांव में आईआईएसडब्ल्यूसी, आरसी, चंडीगढ़ द्वारा चल रही गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। डॉ मंदीप कुमार सहायक निदेशक हिम हैचरी सुंदरनगर, मंडी मुख्य अतिथि थे।
उन्होंने छोटे और सीमांत किसानों की स्थायी आजीविका के लिए बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग की क्षमता पर जोर दिया। डॉ. मंदीप ने हीट बल्ब, फीडर, ड्रिंकर के उचित उपयोग का प्रदर्शन किया और मुर्गीपालन पर विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में भी बताया। झंडुत्ता पशुपालन विभाग के प्रतिनिधि श्री विक्रम सिंह ने बैकयार्ड पोल्ट्री फार्मिंग के सभी पहलुओं पर प्रकाश डाला, जैसे पोल्ट्री नस्ल, ब्रूडिंग प्रबंधन, फीडिंग और फीड निर्माण, आवास प्रबंधन, रोग और उनका नियंत्रण, टीकाकरण, आदि। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान, झंडुत्ता अवल पंचायत के दो वार्डों से कुल 60 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमें 41 प्रशिक्षु महिलाएँ थीं। 6 मार्च को किसानों को चूजे वितरित किये गये, कार्यक्रम में प्रधान, उपप्रधान और वार्ड सदस्य उपस्थित थे।