भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल सरंक्षण संस्थान, देहरादून ने केरल राज्य के प्रगतिशील किसानों के लिए एक दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। “विश्वामित्र किसान क्लब”, कोझीकोड के 07 महिला किसानों सहित 58 किसानों के एक समूह ने संस्थान का दौरा किया। किसानों ने संस्थान के संग्रहालय का दौरा किया और देश के विभिन्न कृषि-पारिस्थितिकी क्षेत्रों के लिए मृदा और जल संरक्षण संस्थान द्वारा विकसित विभिन्न प्रौद्योगिकियों के बारे में बातचीत की। संग्रहालय के दौरे के बाद, किसानों के समूह ने निदेशक डॉ. एम. मधु, निदेशक और मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक विज्ञान प्रभाग के प्रमुख डॉ. चरण सिंह के साथ बातचीत की और मिट्टी एवं जल संरक्षण के विभिन्न सिद्धांतों पर चर्चा की। दोपहर में किसानों ने कालीमाटी परियोजना का दौरा किया जहां भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल सरंक्षण संस्थान ने इंस्टीट्यूट विलेज लिंकेज प्रोग्राम (आई.वी.एल.पी.) के तहत मिट्टी और जल संरक्षण से संबंधित विभिन्न तकनीकियों को लागू किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से, प्राकृतिक झरने के पानी को संग्रहीत करने के लिए गांव में एक उप-सतही जल संचयन टैंक का डिजाइन और निर्माण किया गया। किसानों ने इस परियोजना के बाद अपने उत्कृष्ट अनुभवों को साझा किया और बताया कि खेती के लिए पानी मिलने से उन्हें बहुत लाभ हुआ है। जल संचयन संरचना वर्तमान में भी बहुत अच्छी तरह से कार्य कर रही है और इसका प्रबंधन जल उपयोगकर्ता संघ के माध्यम से किया जाता है। डॉ. लेखचंद, प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. अबिमन्यु झाझड़िया, वैज्ञानिक और श्री धर्मपाल, तकनीशियन ने इस भ्रमण कार्यक्रम का समन्वय किया। किसानों के क्षेत्र भ्रमण का समन्वय मुख्य तकनीकी अधिकारी श्री सुरेश कुमार द्वारा किया गया। इस भ्रमण कार्यक्रम का आयोजन संस्थान के निदेशक डॉ. एम. मधु और मानव संसाधन विकास एवं सामाजिक विज्ञान प्रभाग के प्रमुख डॉ. चरण सिंह के सक्रिय मार्गदर्शन में किया गया।