भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केंद्र, उदगमंडलम, नीलगिरी, तमिलनाडु ने एस.सी.एस.पी. के तहत "किसान की आय और आजीविका की स्थिति पर मृदा और जल संरक्षण प्रौद्योगिकियों का प्रभाव" पर किसान गोष्ठी सह क्षेत्र दिवस कार्यक्रम का आयोजन 01-03-2024 को बेंदरावड़ी गांव, गुंडलुपेट तालुक, चामराजनगर जिला, कर्नाटक में किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन और सभी का स्वागत कर किया गया। गांव में किए गए कार्यक्रम और एस.सी.एस.पी. गतिविधियों के बारे में जानकारी वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एच.सी. होम्बेगौड़ा द्वारा दी गई थी। दक्षिणी शुष्क क्षेत्र के लिए उपयुक्त उन्नत मृदा और जल संरक्षण प्रौद्योगिकियों और इसके प्रभाव और लाभों पर डॉ पी. सुंदरम्बल, प्रधान वैज्ञानिक द्वारा चर्चा की गई और विस्तार से बताया गया। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. एस.एम. वनिता ने किसानों की आय में वृद्धि और उद्यमिता विकास के लिए आजीविका के विभिन्न विकल्पों के बारे में बताया। फसल विविधीकरण और टिकाऊ कृषि पद्धतियों के महत्व को डॉ. सुधीर कुमार अन्नेपू, वैज्ञानिक द्वारा समझाया गया। जल संचयन संरचनाओं के महत्व और इनसिटू और एक्सिटू नमी संरक्षण प्रथाओं के प्रभाव पर वैज्ञानिक एर. ब्लेसी वी.ए. द्वारा चर्चा की गई। कार्यक्रम में लगभग 65 किसानों ने भाग लिया। अनुसूचित जाति के लाभाथयों को उन्नत मक्का संकर बीज, पेट्रोल चालित पावर स्प्रेयर, तालाब अस्तर शीट और सौर बाड़ लगाने वाली इकाइयां वितरित की गईं। तकनीकी सत्रों के बाद उन्नत मृदा और जल संरक्षण प्रौद्योगिकियों की प्रदर्शनी और प्रदर्शन, किसानों के क्षेत्र का दौरा और मृदा कटाव नियंत्रण और नमी संरक्षण के लिए खाई सह मेड़बंदी का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में गांव के नेता श्री डोड्डाराजू और श्री प्रकाश भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ। केन्द्र अध्यक्ष के मार्गदर्शन से कार्यक्रम का आयोजन डॉ. एस.एम. वनिता, डॉ. एच.सी. होम्बेगौड़ा, वरिष्ठ वैज्ञानिक और श्री ए. मुरुगेसन, तकनीकी अधिकारी द्वारा किया गया था।