"खाद्य सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन शमन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं से परे मिट्टी की देखभाल" पर वैश्विक मृदा सम्मेलन का उद्घाटन भारत के माननीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री, श्री शिवराज सिंह चौहान जी द्वारा 19 नवंबर, 2024 को किया गया। प्रोफेसर रमेश चंद, सदस्य, नीति आयोग, भारत सरकार और डॉ. त्रिलोचन महापात्र, अध्यक्ष, पौधा किस्म और किसान अधिकार प्राधिकरण, भारत सरकार। भारत सरकार के पूर्व सचिव डेयर और महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, इस अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी और अंतर्राष्ट्रीय मृदा विज्ञान संघ के तत्वावधान में भारतीय मृदा विज्ञान सोसायटी (आईएसएसएस) द्वारा वैश्विक मृदा सम्मेलन का आयोजन किया गया था। इंटरनेशनल यूनियन ऑफ सॉयल साइंस के अध्यक्ष डॉ. एडोआर्डो कोस्टेंटिनी भी हाइब्रिड मोड के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए। सचिव डेयर और महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, डॉ. हिमांशु पाठक और भारतीय मृदा विज्ञान सोसायटी के अध्यक्ष और उप महानिदेशक, एनआरएम, आईसीएआर, डॉ. एस.के. चौधरी, वैश्विक मृदा सम्मेलन के अध्यक्ष, आईएसएसएस के सचिव डॉ. रंजन भट्टाचार्य के साथ, उद्घाटन समारोह सत्र में उपस्थित थे। । तीन दिवसीय कार्यक्रम में देश और विदेश के विभिन्न संस्थानों से 1000 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून ने संस्थान और इसके अनुसंधान केंद्रों द्वारा विकसित विभिन्न मृदा और जल संरक्षण प्रौद्योगिकियों का स्टॉल के माध्यम से प्रदर्शन प्रदर्शित कर सम्मेलन में भाग लिया और प्रतिभागियों के बीच जागरूकता पैदा की। स्टॉल के माध्यम से अपने प्रदर्शन प्रदर्शित किए और संस्थान और इसके अनुसंधान केंद्रों द्वारा विकसित विभिन्न मिट्टी और जल संरक्षण प्रौद्योगिकियों से संबंधित प्रतिभागियों के बीच जागरूकता पैदा की। इंडियन एसोसिएशन ऑफ सॉइल एंड वॉटर कंजर्वेशनिस्ट्स के अलावा, देहरादून ने भी 20 नवंबर, 2024 को "भूमि क्षरण का मुकाबला: एक वैश्विक चुनौती, स्थानीय समाधान" विषय पर एक विशेष सत्र का भी आयोजन किया। इस कार्यक्रम के दौरान संस्थान के स्टॉल पर बड़ी संख्या में आगंतुकों के अलावा विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के 100 से अधिक छात्रों और विभिन्न स्थानों से आए किसानों ने मिट्टी और जल संरक्षण तकनीकों में गहरी रुचि ली। इस सफल आयोजन में संस्थान के निदेशक डॉ. एम.मधु एवं संस्थान के मानव संसाधन विकास विभाग के प्रमुख डॉ. चरण सिंह के सफल नेतृत्व में श्री अनिल कुमार चौहान एवं श्री सोनू द्वारा मृदा एवं जल संरक्षण तकनीकों को बढ़ावा दिया गया।