भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून में दिनांक 06.09.24 को अपराह्न 3:00 बजे से सायं 5:45 बजे के दौरान हिंदी वाद-विवाद प्रतियोगिता (ज़ूम मीटिंग के माध्यम से) का आयोजन किया गया |
इस प्रतियोगिता में विचार-विमर्श का विषय था - “हिंदी की बोलियों को हिंदी से अलग कर स्वतंत्र भाषा के रूप में मान्यता देना हिंदी भाषा के लिए खतरे की घंटी है” (‘’संविधान की आठवीं अनुसूची’’ और ‘’राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’’ के विशेष सन्दर्भ में)
इस प्रतियोगिता में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद(ICAR) के विभिन्न संस्थानों- केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (CIAE) भोपाल, भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान (IASRI) नई दिल्ली, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) केंद्र इंदौर, राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान (NDRI) करनाल, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान (IIVR) वाराणासी, औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान निदेशालय (DMAPR) आणंद- गुजरात, भारतीय गन्ना अनुसंधान (IISR) लखनऊ, राष्ट्रीय पादप आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो (NBPGR) नई दिल्ली, राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो (NBAIR) बेंगलुरु, केंद्रीय बारानी कृषि अनुसंधान संस्थान (CRIDA) हैदराबाद एवं भारतीय मृदा एवं जल संस्थान मुख्यालय देहरादून और इसके अनुसंधान केंद्रों- कोटा, ऊटी, चंडीगढ़ से लगभग 30 वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया |
प्रतियोगिता के प्रथम चरण में प्रतियोगियों ने विषय के पक्ष एवं प्रतिपक्ष में अपने विचार प्रस्तुत किए तत्पश्चात द्वितीय चरण में प्रतियोगिता का संचालन करने हुए उप निदेशक (राजभाषा) आशुतोष कुमार तिवारी ने पक्ष एवं प्रतिपक्ष के संबंध में “यूनेस्को रिपोर्ट(भाषा) 2020” एवं आठवीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाओँ के बोलने वालों की संख्या से संबंधित डेमोग्रोफी से जुड़े कुछ आंकड़े एवं तथ्य प्रस्तुत किए और प्रतियोगियों को उनके संदर्भ में अपना तर्क प्रस्तुत करने के लिए कहा | प्रतियोगियों द्वारा अपना तर्क प्रस्तुत करने के पश्चात अंतिम चरण में प्रतियोगिता के निर्णायक द्वय–प्रोफेसर गंगाधर वानोड़े (क्षेत्रीय निदेशक केंद्रीय हिंदी संस्थान, हेदराबाद केंद्र, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) एवं प्रोफेसर कालीचरण झा (त्रिपुरा विश्वविद्यालय) द्वारा विषय के संदर्भ में निष्कर्षात्मक टिप्पणी प्रस्तुत की गई |
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में संस्थान के निदेशक डॉ. एम. मधु ने प्रोफ़ेसर गंगाधर वानोड़े एवं प्रोफेसर कालीचरण झा का स्वागत करते हुए इस कार्यक्रम अपना बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद दिया | उन्होंने इस अवसर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के विभिन्न संस्थानों से इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रति आभार प्रकट किया |
कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वय उप निदेशक (राजभाषा) श्री आशुतोष कुमार तिवारी द्वारा एवं तकनीकी संयोजन सहायक मुख्य तकनीकी अधिकारी इं. अमित चौहान द्वारा किया गया |