आज दिनांक 29.08.2024 को स्थान ग्राम नेवी, ब्लाक कालसी, जिला देहरादून में भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान देहरादून द्वारा एक दिवसीय जागरूकता शिविर ’’एक पेड़ माँ के नाम’’ का आयोजन राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज, नेवी सहिया में किया गया।
राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज के प्रधानाचार्य श्री सुरेश कुमार ने भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान देहरादून के अधिकारियो का स्वागत किया।
कार्यक्रम की शुरूआत में डॉ. जगमोहन सिंह तोमर विभागाध्यक्ष पादप विज्ञान विभाग ने किसानो व विद्यार्थियों को ’’एक पेड़ माँ के नाम’’ पहल के बारे में जागरूक किया। डॉ. तोमर द्वारा वृक्षों के महत्व के बारे में बताया। इस अवसर पर 200 से अधिक नींबू के वृक्षो का वृक्षारोपण व किसानो को पोधो का वितरण भी किया गया।
कार्यक्रम का संचालन, सस्थांन के डॉ. अनुपम बड़ (कार्यक्रम समन्वयक) द्वारा किया गया। इस अवसर पर संस्थान के डॉ. जे. जयप्रकाश, श्री राकेश कुमार, श्री हुकुम सिंह, श्रीमती संतोषी रौथाण, श्री अभिषेक पुण्डीर, श्री वरूण चैहान, श्री खजान सिंह एवं किसान मोहन लाल शर्मा, श्री सुरेश कुमार, श्री सतपाल राय, श्री रण सिंह चैहान, श्री पूरण सिंह राय आदि ग्रामवासी उपस्थित रहे। इस अवसर पर ग्राम नेवी, भूरी, उत्पाल्टा व पुरोली के लगभग 100 किसानो ने प्रतिभाग किया।
विश्व पर्यावरण दिवस 2024 के दौरान भारत के माननीय प्रधान मंत्री द्वारा #एक पेड़ माँ के नाम # थीम के साथ शुरू किए गए वैश्विक अभियान की स्मृति में, भ. कृ.अनु.प.- भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केंद्र, उधगमंडलम ने 29 अगस्त, 2024 को "देशी वृक्षारोपण अभियान" का आयोजन किया। यह कार्यक्रम केंद्र के अनुसंधान फार्म में आयोजित किया गया था और इसका उद्देश्य पर्यावरण जागरूकता को बढ़ावा देना और देशी शोला वृक्ष प्रजातियों के संरक्षण को बढ़ावा देना था। अभियान का उद्घाटन डॉ. सोमसुंदरम जयारमन प्रमुख और प्रधान वैज्ञानिक, भ. कृ.अनु.प.- भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केंद्र, उधगमंडलम ने किया । उन्होंने अपने भाषण में भूमि क्षरण को रोकने में वृक्षारोपण की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला और उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति से माँ के नाम पर पौधे लगाने और उन्हें नुकसान से बचाने का आह्वान किया। कार्यक्रम के दौरान, वरिष्ठ वैज्ञानिक (वानिकी) डॉ. एच.सी. होम्बे गौड़ा ने प्रतिभागियों को इस वैश्विक अभियान की पहल के बारे में जानकारी दी और भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए वृक्षारोपण गतिविधियों के बड़े पैमाने पर आंदोलन के माध्यम से प्रकृति संरक्षण की आवश्यकता पर अतिरिक्त जानकारी प्रदान की। उसके बाद, केंद्र के वैज्ञानिक, तकनीकी, प्रशासनिक और कृषि कर्मचारी, इन-प्लांट प्रशिक्षण छात्रों (कुल 45 प्रतिभागियों) के साथ, अनुसंधान फार्म क्षेत्र में शोला वृक्ष के पौधे रोपने के लिए आगे बढ़े। कार्यक्रम का संचालन डॉ. एच.सी. होम्बे गौड़ा वरिष्ठ वैज्ञानिक (वानिकी) और श्री एम. शिवलिंगम ने केंद्र के प्रमुख डॉ. सोमसुंदरम जयारमन के मार्गदर्शन में किया।