भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केंद्र, चंडीगढ़ द्वारा 27 अगस्त, 2024 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के झंडुता गांव में पार्थेनियम जागरूकता अभियान और स्वच्छता दिवस पर एक फील्ड डे का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के समन्वयक प्रधान एवं वैज्ञानिक (सस्य विज्ञान) डॉ ओ पी प्रेमी ने इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी किसानों का स्वागत किया। उन्होंने किसानों को तेजी से फैल रहे नुकसानदायक खरपतवार पार्थेनियम के प्रसार और पौधों और मानव स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के बारे में एक विस्तृत परिचय दिया। उन्होंने इसके नियंत्रण के लिए उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर भी चर्चा की। किसानों को यह भी बताया गया कि कैसे गोबर के घोल और यूरिया के प्रयोग द्वारा पार्थेनियम से खाद तैयार की जाती है। केंद्र के प्रमुख डॉ बृज लाल लकाऱया ने पार्थेनियम के कुशल प्रबंधन के लिए, फसलों के साथ प्रतिस्पर्धा को कम करने के साथ-साथ फसल उत्पादन को बनाए रखने के लिए, इसके प्रसार के कारण मिट्टी की उर्वरता में कमी को रोकने के लिए व बेहतर फसल उत्पादन हेतु दैनिक जीवन मे पार्थेनियम के नियन्त्रण पर अपने विचार रखे। सभी किसान भाई इस बात पर सहमत हुए कि पार्थेनियम में फूल आने से पहले ही प्रारंभिक अवस्था में इसे खेतों से हटा दिया जाना चाहिए। चर्चा के बाद, सभी गावं वासियों को जागरूक करने के लिए क्षेत्र भ्रमण भी किया तथा आस-पास के क्षेत्र में अत्यधिक उगे हुए पार्थेनियम के पौधों को किसानों और अभियान के प्रतिभागियों द्वारा उखाड़ा गया। साथ ही, आईसीएआर-भारतीय खरपतवार अनुसंधान संस्थान, जबलपुर से लाए गए मैक्सिकन बीटल, जाइगोग्रामा बाइकोलोराटा के वयस्क कीटों को जैविक नियंत्रण के रूप में पार्थेनियम बहुल क्षेत्र में छोड़ा गया। डॉ राम प्रषाद, प्रधान वैज्ञानिक (उद्यानिकी) ले भी इस विषय पर अपने विचार रखे। डॉ. मनोज कुमार, वैज्ञानिक (कृषि अभियांत्रिकी) और इस कार्यक्रम के सह-समन्वयक ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस प्रकार यह अभियान बहुत सफल रहा।