भा.कृ.अनु.प.-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केंद्र, वासद, आणंद द्वारा नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, आणंद के तत्वावधान में 21 फरवरी, 2025 को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर "भाषाई विविधता, बहुभाषी शिक्षा और स्वदेशी भाषाओं के संरक्षण का महत्व" विषय पर राजभाषा संगोष्ठी तथा हिंदी भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें आणंद नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के अंतर्गत विभिन्न केंद्रीय सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया । कार्यक्रम का शुभारंभ समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. मनीष दास, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.- औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान निदेशालय, बोरिआवी, आणंद, गुजरात, कार्यक्रम की महिला विशिष्ट अतिथि श्रीमती ऋचा जाजोरिया, क्षेत्र प्रमुख, यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया, आणंद एवं कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. जगदीश पाटील, अग्रणी जिला प्रबंधक, आणंद को सम्मान स्वरूप शाल भेंट कर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में ऑनलाइन उपस्थित श्री आशुतोष कुमार तिवारी, उप निदेशक, (राजभाषा) , भा.कृ.अनु.प.-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून का भी स्वागत किया गया।
उन्होंने ई-टूल्स के माध्यम से भारतीय भाषाओं के प्रयोग के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी। आणंद नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के तहत उपस्थित विभिन्न केंद्रीय सरकारी कार्यालयों के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का भी स्वागत किया गया । मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य लोगों ने दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की । डॉ एम. जे. कलेढोणकर, केन्द्राध्यक्ष, भा.कृ.अनु.प.- भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केंद्र, वासद, आणंद नगर की राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य सचिव डॉ. पी. बालमुरुगन ने मातृभूमि और मातृभाषा के महत्व पर जोर दिया। आणंद के अग्रणी जिला प्रबंधक डॉ. जगदीश पाटील ने परिवार एवं परिजनों के बीच में मातृभाषा के प्रयोग को बढ़ाने की अपील की। भा.कृ.अनु.प.-औषधीय एवं सगंधीय पादप अनुसंधान निदेशालय, बोरिआवी, आणंद , गुजरात के निदेशक डॉ. मनीष दास ने अपने वक्तव्य में कहा है कि मातृभाषा का अधिक प्रयोग मनुष्य का स्व-सम्मान का अर्जित करता है। यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के क्षेत्र प्रमुख श्रीमती ऋचा जाचोरिया ने मातृभाषा संरक्षण की बात की। ओएनजीसी, केंपे परिसंपत्ति के राजभाषा प्रभारी श्री कपिल कुमार 'सरोज' ने अपनी कविता के माध्यम से मातृभाषा और मातृ प्रेम को सभी के दिल में उतारा। राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड, आणंद के राजभाषा प्रभारी श्री जनार्दन मिश्र ने मातृभाषा की परिभाषा देकर अपने बच्चों से मातृभाषा का प्रयोग करने का आग्रह किया। केंद्रीय विद्यालय, वल्लभ विद्यानगर के पीजीटी, हिंदी श्री दिनेश सिंह ने कहा कि मातृभाषा को बचाना केवल भाषा को बचाना नहीं है, संस्कृति को बचाने के बराबर है।
यूनियन बैंक ऑफ़ इंडिया के राजभाषा प्रभारी श्री राजेश जोशी ने बहुभाषिता का महत्व और मातृभाषा की शक्ति पर प्रकाश डाला। मंच द्वारा डॉ.मनीष दास और डॉ. कलेढोणकर को "यूनियन प्रकृति प्रेमी पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। मराठी भाषा हेतु डॉ.जगदीश पाटील, तमिल भाषा हेतु डॉ. पी. बालमुरुगन, हिंदी भाषा हेतु श्री जनार्दन मिश्र तथा गुजराती भाषा हेतु श्री जॉनसन एम परमार को "मातृभाषा प्रेमी पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। श्री कपिल कुमार 'सरोज' को "महाकवि भूषण भाषा पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। श्री दिनेश सिंह को "भाषा प्रशिक्षक पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। डॉ. गौरव सिंह तथा श्री राजेश राणा को "राजभाषा रत्न पुरस्कार" से सम्मानित किया गया। हिंदी भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को शील्ड एवं प्रमाण पत्र देकर उन्हें सम्मानित किया गया। डॉ. डी. दिनेश द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया गया। कार्यक्रम में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, , डाकघर, आयकर विभाग, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड, ओएनजीसी, केंद्रीय विद्यालय आदि जैसे आणंद में केंद्र सरकार के विभिन्न कार्यालयों के कर्मचारियों ने भाग लिया । कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. गौरव सिंह, प्रभारी अधिकारी (राजभाषा) , भा.कृ.अनु.प.- भारतीय मृदा और जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केंद्र-वासद, आणंद द्वारा किया गया था । आणंद के विभिन्न केंद्रीय सरकारी कार्यालयों के अधिकारियों और कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी और केंद्र के सभी कर्मचारियों के सहयोग से केंद्र में कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में लगभग 50 कर्मचारियों ने भाग लिया।