एस.सी.एस.पी. के अंतर्गत, आईसीएआर-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केंद्र, बल्लारी द्वारा ‘मृदा एवं जल संरक्षण तथा वाटरशेड प्रबंधन’ पर तीन दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन 10.3.2025 को किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन दिवसीय अवधि का है, जो 10.3.2025 से 12.3.2025 तक चलेगा। कार्यक्रम में बेलगाल टांडा गांव के पुरुषों और महिलाओं सहित कुल 30 किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक और प्रधान वैज्ञानिक (एस.डब्लू.सी. इंजीनियरिंग) डॉ. बी.एस. नाइक ने मुख्य अतिथि, अतिथि और किसानों का स्वागत किया और तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद दीप प्रज्वलन और आईसीएआर गीत गाया गया। इस अवसर पर केंद्र के प्रमुख डॉ. बी. के. राव ने अध्यक्षता की और किसानों को मृदा एवं जल संरक्षण उपायों तथा उनके अपनाने के बारे में जागरूक करने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण की आवश्यकता के बारे में बताया। उन्होंने किसानों को भूमि क्षरण की समस्याओं तथा वाटरशेड प्रबंधन के माध्यम से इसके शमन के बारे में भी बताया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. सोमसुंदरम, संयुक्त कृषि निदेशक, बल्लारी जिला तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. गोविंदप्पा एमआर, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, केवीके, बल्लारी जिला उपस्थित थे। डॉ. सोमसुंदरम ने बल्लारी जैसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में कृषि आय बढ़ाने के लिए मृदा एवं जल संरक्षण तथा वाटरशेड प्रबंधन के महत्व के बारे में बताया। डॉ. गोविंदप्पा ने कृषि आय बढ़ाने के लिए शुष्क भूमि फसलों, उनकी उन्नत किस्मों और खेत तालाबों के माध्यम से वर्षा जल संचयन पर जोर दिया। कार्यक्रम में डॉ. रवि एस, वैज्ञानिक (मृदा), केवीके, बल्लारी, और डॉ. राजन, प्रधान वैज्ञानिक (मृदा), डॉ. एम. प्रभावती, वरिष्ठ वैज्ञानिक (मृदा), सुश्री अनुषा एन.एम. वैज्ञानिक (फल विज्ञान) आईसीएआर, आईआईएसडब्ल्यूसी, आरसी, बल्लारी के साथ-साथ केंद्र के सभी कर्मचारियों ने भाग लिया। सुश्री अनुषा एन.एम., वैज्ञानिक (फल विज्ञान) ने कार्यक्रम के संचालक के रूप में कार्य किया, और अंत में औपचारिक धन्यवाद प्रस्ताव के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।