भाकृअनुप-भारतीय मृदा और जल संरक्षण संस्थान, देहरादून द्वारा अनुसूचित जनजाति उप-योजना के अंतर्गत अनुसंधान प्रक्षेत्र, सेलाक़ुई में एक दिवसीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण सह प्रदर्शन कार्यक्रम का दिनांक अक्टूबर 09, 2024 को आयोजन। इस कार्यक्रम में खतार पंचायत, कालसी, देहरादून से आए 50 किसानों, जिनमें महिला किसान भी थीं, ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का आयोजन रिमोट पायलट प्रशिक्षण केंद्र और सूचना एवं बिक्री काउंटर के उद्घाटन समारोह के साथ किया गया। किसानों ने प्रतिष्ठित अतिथियों से संवाद किया, जिनमें डॉ. एस. के. चौधरी, उप महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली, डॉ. एम. मधु, निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय मृदा और जल संरक्षण संस्थान, देहरादून, डॉ. महेंद्र कुमार वर्मा, निदेशक, केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान, श्रीनगर शामिल थे ।इसके अलावा संस्थान के अन्य सम्मानित वैज्ञानिक, अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित रहे । डॉ. एम. मुरुगनंदम, प्रधान वैज्ञानिक और एससीएसपी/टीएसपी कार्यक्रम के समन्वयक, देहरादून मुख्यालय, ने अपनी टीम के साथ किसानों को फार्म की सुविधाओं और संसाधनों से अवगत कराया। इस कार्यक्रम का समन्वय और आयोजन डॉ. अनुपम बर्ह, डॉ. तृषा रॉय, डॉ. दीपक सिंह, डॉ. सादिकुल इस्लाम और डॉ. देविदीन यादव ने किया, जिनका मार्गदर्शन डॉ. एम. मुरुगनंदम (एससीएसपी समन्वयक, देहरादून) और डॉ. इंदु रावत (एससीएसपी प्रमुख, देहरादून) ने किया। प्रशिक्षण सत्रों के दौरान किसानों को कृषि में ड्रोन के उपयोग और संचालन का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने सीखा कि किस प्रकार ड्रोन तकनीक का प्रयोग कृषि कार्यों को बेहतर बनाने में किया जा सकता है। इसके साथ ही, किसानों को जैविक खेती के तरीकों की जानकारी दी गई, जिसमें टिकाऊ कृषि पद्धतियों के महत्व पर विशेष जोर दिया गया। किसानों की कृषि उत्पादन में सहायता के लिए कुल 125 किलोग्राम उन्नत मटर के बीज वितरित किए गए, ताकि मृदा और जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जा सके और क्षेत्र में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा में सुधार हो। यह कार्यक्रम आधुनिक कृषि तकनीकों से किसानों को सशक्त बनाने और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होने की उम्मीद है।