भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून ने 07 से 11 मार्च, 2025 तक डॉ. एम. मधु, निदेशक और डॉ. चरण सिंह, प्रमुख, मानव संसाधन विकास और सामाजिक विज्ञान के मार्गदर्शन में “टिकाऊ खेती हेतु मृदा एवं जल संरक्षण तकनीक” पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें राजस्थान राज्य के चुरू जिले के 40 किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. लेखचंद, प्रधान वैज्ञानिक और श्री धर्मपाल, वरिष्ठ तकनीशियन ने किया।
डॉ. चरण सिंह ने 7 मार्च, 2025 को प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर किसानों की सभा को संबोधित किया और सतत विकास के लिए मृदा और जल संरक्षण के महत्व के बारे में जानकारी दी। किसानों का नेतृत्व डॉ. राजकुमार कुलहारी, उप निदेशक, आत्मा, चुरू, राजस्थान ने किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में कक्षा शिक्षण के साथ-साथ मृदा एवं जल संरक्षण के व्यावहारिक पहलू को देखने के लिए क्षेत्रीय दौरे भी शामिल थे, खास तौर पर राजस्थान की परिस्थितियों के संदर्भ में। प्रशिक्षण के दौरान किसानों को मृदा एवं जल संरक्षण तथा जलागम प्रबंधन से संबंधित विभिन्न तकनीकों के बारे में जागरूक किया गया। प्रशिक्षण के दौरान डॉ. मातबर सिंह, श्री सुरेश कुमार, श्री राकेश कुमार, श्री प्रवीण कुमार तोमर, श्री धर्मपाल और श्री सोनू द्वारा विभिन्न स्थलों का दौरा करवाया गया, जहां संस्थान ने क्षेत्र के विकास के लिए मृदा एवं जल संरक्षण तकनीकों को क्रियान्वित किया है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम 11 मार्च, 2025 की दोपहर को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें किसानों और आत्मा, जिला चुरू, राजस्थान से उनके समन्वयकों द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में उत्कृष्ट फीडबैक दिया गया। डॉ. मातबर सिंह ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के बारे में किसानों और उनके समन्वयक के विचारों की सराहना की और अंत में धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।