भाकृअनुप- भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केंद्र, चंडीगढ़ ने "मृदा एवं जल संरक्षण और जलागम प्रबंधन" पर बी.टेक. (कृषि अभियांत्रिकी) के छात्र-छात्राओ के लिए 01-07-2024 से 30-07-2024 के दौरान चार सप्ताह के इन-प्लांट / कौशल विकास प्रशिक्षण का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण में कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जोधपुर (कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर, राजस्थान); कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रोद्योगिकी महाविद्यालय, लुधियाना, (पंजाब कृषि विश्वविद्यालय); तथा, कृषि अभियांत्रिकी और प्रोद्योगिकी महाविद्यालय, हिसार, (चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय) के छात्र-छात्राओ ने भाग लिया। कुल 32 छात्र-छात्राओ ने पंजीकरण कराया और प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। इन में से 19 छात्र और 13 छात्राएं थीं। प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह 30 जुलाई , 2024 को सुबह 11: 30 बजे आयोजित किया गया। डॉ. मनोज कुमार, वैज्ञानिक (मृदा एवं जल संरक्षण अभियांत्रिकी एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम के समन्वयक) ने पाठ्यक्रम के बारे में जानकारी दी और समग्र प्रशिक्षण कार्यक्रम का सारांश दिया। विद्यार्थियों ने अपने फीडबैक में प्रशिक्षण कार्यक्रम के व्यावहारिक पहलुओं की सराहना की तथा भविष्य के कार्यक्रमों के बेहतरी के लिए कई सुझाव दिए। इस मौके पर चण्डीगढ़ केंद्र के प्रभारी क्रेंद्राध्यक्ष और समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. प्रदीप डोगरा ने विद्यार्थियों को प्राप्त शिक्षा की उपयोगिता के महत्व का विवरण दिया तथा भविष्य में संभावित लाभ का उल्लेख किया। उन्होंने विद्यार्थियों को आईसीएआर - भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान का दूत बन कर प्राप्त शिक्षा का प्रचार करने की सलाह दी। उन्होंने सभी विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। सभी प्रतिभागियों को पाठ्यक्रम के सफल समापन के प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। अंत में डॉ. शर्मिषठा पाल (प्रशिक्षण कार्यक्रम के सह-समन्वयक) ने धन्यवाद ज्ञापन में प्रशिक्षण कार्यक्रम और आज के समापन समारोह के सभी प्रतिभागियों को अपना अपना योगदान देने के लिए आभार व्यक्त किया। इस के साथ ही कार्यक्रम का समापन हुआ।