आचार्य एन.जी. रंगा कृषि विश्वविद्यालय, आंध्र प्रदेश से संबद्ध डॉ. एन.टी.आर. कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, बापटला के अंतिम वर्ष के 09 छात्रों के लिए 5 अगस्त 2024 को शुरू हुआ था, जो एक माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम 5 सितंबर 2024 को संपन्न हुआ । प्रशिक्षु विद्याथियों ने केंद्र में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम से अपनी सीख प्रस्तुत की, जिसे प्रशिक्षण कार्यक्रम के संकाय सदस्यों ने सराहा। प्रशिक्षुओं ने केंद्र के अनुसंधान फार्म में प्रदर्शित विभिन्न मृदा एवं जल संरक्षण उपायों से परिचित हुए और मृदा एवं जल संरक्षण से संबंधित व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया। प्रशिक्षुओं को प्राकृतिक खेती तकनीक, कृषि में ड्रोन अनुप्रयोग और मृदा एवं जल संरक्षण उपायों के सामाजिक-आर्थिक पहलुओं पर विशेष व्याख्यान में शामिल होने का अवसर भी मिला। इस अवसर पर प्रशिक्षुओं ने शिक्षक दिवस भी पूरे उत्साह के साथ मनाया और संकाय सदस्यों को फूलों का गुलदस्ता भेंट कर बधाई दी। प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए गए। इस अवसर पर, केंद्र के प्रमुख डॉ. एम. जे. कलेढोणकर ने भी प्रशिक्षुओं को संबोधित किया और व्यक्ति के जीवन के साथ-साथ समाज की भलाई के लिए शिक्षक की भूमिका पर प्रकाश डाला।उन्होंने शिक्षा की पारंपरिक गुरुकुल प्रणाली, शिक्षण के मूर्त और गैर-मूर्त तरीके, गुरु और सद्गुरु के बीच अंतर समझाया। उन्होंने समाज सुधार में सद्गुरु की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सुझाव दिया कि स्वामी विवेकानन्द और महात्मा गांधी की शिक्षाओं पर आधारित पुस्तकों को वर्तमान समय में गुरु के रूप में अपनाया जा सकता है। भगवत गीता शाश्वत सद्गुरु हो सकती है और जीवन में ज्ञान का प्रकाश ला सकती है। हमें अपने जीवन में सभी शिक्षकों के प्रति सदैव आभारी रहना चाहिए। कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक, तकनीकी और प्रशासनिक कर्मचारी उपस्थित थे। केन्द्र के समस्त स्टाफ के भरपूर सहयोग से कार्यक्रम सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. गौरव सिंह वैज्ञानिक (भूमि एवं जल प्रबंधन इंजीनियरिंग) ने किया।