श्री सोमेन्दर सिंह, महाप्रबंधक, नाबार्ड, गुजरात एवं नाबार्ड के जिला अधिकारीयों ने भा.कृ.अनु.प.-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केंद्र, वासद का दौरा दिनांक १९ मार्च २०२४ को किया। पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार, सभी दोपहर २.४५ बजे अनुसंधान केंद्र पर पहुँचें। सर्वप्रथम सभी अधिकारियों का पुष्पगुच्छ एवं फूल देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर भा.कृ.अनु.प. का गीत तथा अनुसंधान केंन्द्र के कार्य पर आधारित वीडियो (चल-चित्र) दिखाया गया। उसके बाद डॉ. एम. जे. कलेढोणकर, केंद्राध्यक्ष व डॉ. ए.के. सिंह, पूर्व केन्द्राध्यक्ष ने केंद्र की गतिविधीयों के बारे में सभी को बताया। डॉ.गौरव सिंह ने प्री-फेब्रिकटेड स्ट्रक्चरस के विषय पर अनुसंधान केंद्र में हो रहे कार्य की जानकारी दी तथा इस विषय पर अधिक संशोधन की जरूरत की बात की। डॉ. दिनेश जीन्गर ने जैव अभियान्त्रिकी द्वारा बीहड़ व्यवस्थापन के अनुभव सांझा किये। इसके बाद, डॉ. सागर विभुते, वैज्ञानिक, भा.कृ.अनु.प.-केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, अनुसंधान केंद्र, भरुच ने लवणीय जलमग्न भूमी के सुधार के लिए उपसतही जल निकासी प्रणाली का प्रयोग के बारे में विस्तृत से जानकारी दी। यह समस्या आनंद जिले के खंभात भाग में है। उपरोक्त तीनों विषयों पर नाबार्ड अधिकारीयों में काफी रुचि दिखायी तथा इस पर पायलट प्रोजेक्ट बनाने के लिए सलाह दी। सभी आधिकारीयों ने अनुसंधान फार्म का भी दौरा किया, वहाँ हो रहे कार्यों की जानकारी ली तथा काफी खुशी व्यक्त की। केंद्र की तरफ से डॉ. गौरव सिंह ने सभी अधिकारियों को अनुसंधान केंद्र में आने तथा गतिविधीयों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए आभार व्यक्त किया।