भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केंद्र, वासद ने ०५ दिसंबर २०२४ को बी.टेक. (कृषि अभियांत्रिकी) के छात्रों के एक महीने के इन-प्लांट प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ “विश्व मृदा दिवस” मनाया। इस कार्यक्रम में 27 युवा छात्रों ने भाग लिया। डॉ. गौरव सिंह, वैज्ञानिक (भू.ज.प्र.अ.) ने सभा का स्वागत किया और मृदा दिवस समारोह को केंद्र की जागरूकता गतिविधियों के रूप में संबोधित किया। डॉ. दिनेश जीनगर, वैज्ञानिक ने जोर देकर कहा कि मिट्टी की गुणवत्ता मानव स्वास्थ्य का मूल आधार है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. डी. दिनेश ने दुनिया भर में विश्व मृदा दिवस समारोह के महत्व और इस वर्ष की थीम 'मृदा की देखभाल: माप, निगरानी और प्रबंधन' और भावी पीढ़ी के लाभ के लिए किसानों के क्षेत्र स्तर पर मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन के महत्व के बारे में बताया। केंद्राध्यक्ष डॉ. एम. जे. कालेढोंकर ने पृथ्वी और जल तत्वों के महत्व और इसके एकीकरण को समय की मांग बताया। उन्होंने पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं और सतत उत्पादकता को बनाए रखने के लिए रासायनिक उर्वरकों/कीटनाशकों के विवेकपूर्ण उपयोग पर भी जोर दिया।
मुख्य अतिथि डॉ. आर. सुब्बैया, डीन, कृषि इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी महाविद्यालय, कृ.इं.प्रौ.कॉ., अ.कृ.वि., गोधरा ने छात्रों से आग्रह किया कि उन्हें जलवायु परिवर्तन परिदृश्य के मद्देनजर मिट्टी और जल संरक्षण संरचना/डिजाइन रणनीतियों पर विचार करना चाहिए। अतिथि सुश्री जेनी मकवाना, परियोजना अधिकारी, रा.डे.वि.बो. मृदा लिमिटेड, आनंद ने बताया कि कैसे रा.डे.वि.बो. मृदा लिमिटेड गोशाला के अपशिष्ट पदार्थ और उसके उपोत्पादों को बायोगैस और घोल सामग्री के माध्यम से धन उत्पाद में परिवर्तित कर रहा है, साथ ही मिट्टी के पोषक तत्वों की रीसाइक्लिंग प्रणाली का भी समर्थन कर रहा है। कार्यक्रम का संचालन और समन्वय डॉ. डी. दिनेश द्वारा किया गया एवं डॉ. नंदा कुमार एन के औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ समाप्त हुआ। श्री राम प्रताप (तकनीशियन) और श्री अंकित सुखवाल (तकनीशियन) ने कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजित करने में सहायता की।