भाकृअनुप-भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केन्द्र, कोटा में, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की 150 वीं जयंती आयोजित की जा रही है। इसके अन्तर्गत आयोजित कार्यक्रमों का आज दिनांक 02.10.2020 को ‘‘महात्मा गाँधी के कृषि सम्बधी विचार और उनकी प्रासंगिकता‘‘ पर व्याख्यान के साथ समापन हुआ।
डा0 अशोक कुमार, प्रधान वैज्ञानिक एवं केन्द्राध्यक्ष ने अतिथि वक्ता एवं उपस्थ्ति समुदाय का स्वागत करते हुए कहा कि गांधी जी के ग्रामोद्योग, ग्राम विकास, स्वच्छता एवं आत्मनिर्भरता सम्बन्धी विचार आज भी प्रांसगिक है।
अतिथि वक्ता श्री नरेश विजयवर्गीय ने गांधी जी के कम्पोस्ट सम्बन्धी विचारों पर बल देते हुए आज की जैविक खेती का स्वरूप बताया। आपने आगे कहा की गांधी जी कहा करते थे कि एक ही विषय पर अगर दो बार लिखा जाये तो दूसरी बार लिखे हुए को सही माना जाए क्योंकी परिवर्तन और संसोधन की सम्भावना हमेशा रहती है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए श्री कमलेश कुमार, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ने कहा की गांधी जी स्वच्छता और स्वतन्त्रता में स्वच्छता को प्राथमिकता देते थे, उनका विचार था कि वायु, जल और जमीन स्वच्छ रहना चाहिए। श्री हरिओम आर्य, वरिष्ठ तकनीकी सहायक ने भी गाँधी जी के कृषि सम्बधी विचार और उनकी प्रासंगिकता पर अपने विचार प्रकट करे। डा0 कुलदीप कुमार, वैज्ञानिक ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा की समुह के हित में ही व्यक्ति का हित होता है। आपने आगे कहा कि गांधीजी कहा करते थे कि भारत का प्रधानमंत्री किसान होना चाहिए।