कंप्यूटर पर हिंदी में काम करने के लिए उपयोगी यूनिकोड तथा अन्य हिंदी ई-टूल्स के बारे में जानकारी देने के लिए भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून द्वारा दिनांक 22.12 .2022 को अपराह्न 3:00 बजे एक ऑनलाइन राष्ट्रीय तकनीकी हिंदी कार्यशाला आयोजित की गई।
इस कार्यशाला में भारतीय अनुसंधान परिषद के संस्थानों- एनडीआरआई -करनाल, एनबीएआइएम- मऊ, एनबीपीजीआर-दिल्ली, एनबीएजीआर-करनाल, आईआईएसआर लखनऊ, आईआईपीआर- कानपुर, एनआरसी-पीआईजी गुवाहाटी, आईआईवीआर-वाराणसी, आईएसआरआई-दिल्ली, डीसीएफआर -भीमताल, सीफा-भुवनेश्वर, सीआईएई-भोपाल, आईवीआरआई-बरेली, एनबीएसएसएलयूपी-नागपुर डीकेएमए-दिल्ली, एनआरसीएल-मुजफ्फरपुर, आईआईएचआर-बेंगलुरु आदि संस्थानों से लगभग 94 वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने प्रतिभागिता की।
डॉ॰बन बिहारी साहू, मुख्य प्रबंधक (राजभाषा), भारतीय स्टेट बैंक, ब्रह्मपुर( ओडिशा) इस कार्यशाला के मुख्य वक्ता एवं प्रशिक्षक थे। डॉ. साहू ने कंप्यूटर पर हिंदी में कार्य करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट इंडिक, यूनिकोड, गूगल वॉइस टाइपिंग, मंत्र, ई- महाशब्दकोश, लीला, मशीनी अनुवाद जैसे विषयों पर पीपीटी के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी और प्रशिक्षण प्रदान किया।
भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान के निदेशक डॉ.एम.मधु ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कार्यशाला में उपस्थित सभी प्रतिभागियों का हिंदी में काम करने के लिए आह्वान किया। डॉ मधु ने कहा कि हिंदी एक बहुत ही मीठी भाषा है और इसका प्रयोग न केवल सरकारी कामकाज में बल्कि दैनिक व्यवहार में भी अधिक से अधिक किया जाना चाहिए।
संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी( वरिष्ठ ग्रेड) श्री एस.के. गजमोती ने अपने संबोधन में कार्यशाला में भाग लेने वाले परिषद के सभी वैज्ञानिकों अधिकारियों एवं कर्मचारियों को धन्यवाद दिया और इस प्रकार के आयोजनों में उनके आगे भी सम्मिलित होने के लिए अनुरोध किया । इस कार्यशाला का समन्वय श्री आशुतोष कुमार तिवारी, उपनिदेशक (राजभाषा )द्वारा किया गया।